रांची:-बाबूलाल मरांडी को नेता प्रतिपक्ष की मान्यता देने के मामले को विधानसभा अध्यक्ष दल बदल की कसौटी पर कसेंगे। विधानसभा सचिवालय ने नेता प्रतिपक्ष बनाए जाने को लेकर उठाए गए कदमों की जानकारी बाबूलाल मरांडी द्वारा अधिकृत अधिवक्ता सुधीर श्रीवास्तव को उपलब्ध करा दी है। बता दें कि बाबूलाल ने कुछ दिन पहले ही नेता प्रतिपक्ष बनाए जाने की दिशा में अबतक हुई कार्रवाई की जानकारी और इससे जुड़े कागजात मांगे थे। झारखंड विधानसभा सचिवालय की ओर से मरांडी को विधानसभा सदस्य के रूप में संबोधित करते हुए बताया गया है कि बाबूलाल ने 16 फरवरी को पत्र के माध्यम से जेवीएम के भाजपा में विलय की जानकारी दी थी। 24 फरवरी को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष की ओर से बताया गया कि बाबूलाल मरांडी को भाजपा विधायक दल का नेता बनाया गया है। इस आलोक में यह मामला भारतीय संविधान की 10वीं अनुसूची का प्रतीत हुआ, इसलिए बाबूलाल को खुद या अपने अधिवक्ता के माध्यम से अपना पक्ष साक्ष्यों के साथ 17 सितंबर तक रखने के लिए बीते 18 अगस्त को नोटिस दिया गया। इन सभी पत्राचारों से जुड़े कागजात विधानसभा सचिवालय के उप सचिव कमलेश कुमार दीक्षित की ओर से उपलब्ध कराए गए हैं।
दल बदल के नियम की प्रति भी सौंपी गई
बाबूलाल को झारखंड विधानसभा सदस्य दल परिवर्तन के आधार पर निरर्हता नियम, 2006 की प्रति भी दी गई है। इसमें भारतीय संविधान की 10वीं अनुसूची जो दलबदल के मामले से जुड़ी है, उसकी प्रति भी संलग्न है। बाबूलाल की ओर से अधिकृत वकील को ये सारे दस्तावेज उपलब्ध करा दिए गए हैं। जरूरत के अनुसार, नेता प्रतिपक्ष का यह मामला स्पीकर न्यायाधिकरण में चलेगा। इससे पहले झाविमो से भाजपा में शामिल बाबूलाल मरांडी और कांग्रेस में शामिल विधायक प्रदीप यादव और बंधु तिर्की के जवाब का अध्ययन किया जाएगा।
कमलेश सिंह