फरीदाबाद:विभिन्न राज्यों की पुलिस साइबर अपराध की लोकेशन तो जुटा लेती है, मगर झारखंड के जामताड़ा का नाम आते ही अपराधियों की गिरफ्तारी की हिम्मत नहीं जुटा पातीं। फरीदाबाद पुलिस के साइबर अपराध शाखा प्रभारी इंस्पेक्टर बसंत कुमार ने जामताड़ा से चार साइबर ठगों की गिरफ्तारी का उल्लेखनीय काम किया है। इसके लिए उन्होंने 10 दिन तक अपनी टीम सात सदस्यों के साथ जामताड़ा में ही डेरा डाल दिया था। बसंत कुमार को छापेमारी की सूचना लीक होने की आशंका थी, इसलिए किसी होटल या रेस्टोरेंट में नहीं ठहरे। स्थानीय पुलिस से भी सहायता नहीं ली। स्थानीय वेशभूषा में दिनभर आरोपितों पर नजर रखते थे। रात में अपनी कार में ही रुकते थे। करीब 10 दिन की मशक्कत के बाद वे रात में आरोपितों को उनके घर से गिरफ्तार करने में कामयाब हुए। बता दें कि जामताड़ा, झारखंड राज्य का एक जिला है, जो साइबर ठगों के गढ़ के रूप में कुख्यात हो चुका है। बताया जाता है कि पूरे देश में होने वाले साइबर ठगी के 80 फीसद मामले जामताड़ा से जुड़े होते हैं। नक्सल प्रभावित इस क्षेत्र में जाने से दूसरे राज्यों की पुलिस के पसीने छूटते हैं। रात 8 बजे के बाद झारखड़ की पुलिस भी जामताड़ा में छापेमारी से घबराती है।
* सांपो की वजह से नाम पड़ा जामताड़ा
इस जिले में बड़ी संख्या में सांप पाए जाते हैं। इन सांपों की वजह से ही इस जिले का नाम जामताड़ा पड़ा। जामताड़ा, जामा और ताड़ शब्द से बना है। दरअसल, संथाली भाषा में जामा का मतलब होता है सांप और ताड़ का मलतब होता है आवास, यानी सांपों का आवास (घर)। जामताड़ा को बॉक्साइट की खदानों के लिए भी जाना जाता है। अब इस जिले को ठगी में लिप्त जगह के तौर पर भी जाना जाने लगा है। इस साल जनवरी में एक वेब सीरीज भी आई थी। जो पूरी तरह जामताड़ा में होने वाली साइबर ठगी पर केंद्रित थी।
* इन ठगों को किया था गिरफ्तार
सूरजकुंड थाना क्षेत्र में सिम अपग्रेड करने का झांसा देकर करीब 2.30 लाख रुपये उड़ाने के मामले में साइबर अपराध शाखा ने जामताड़ा झारखंड से अजय मंडल, भरत कुमार मंडल, शत्रुघ्न मंडल, नरेंद्र मंडल को गिरफ्तार किया है। आरोपित लोगों को सिम अपग्रेड करने का झांसा देकर डुप्लीकेट सिम बना लेते थे और उनके बैंक खाते खंगाल देते थे। देशभर में इन्होंने कई वारदातें की हुई हैं। पूछताछ के बाद सभी आरोपितों को जेल भेज दिया गया है।