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कुरमी समाज के दो लोगों को बहिष्कृत करने का निर्णय जायज़ -आदिवासी कुड़मी समाज

फोटो : बैठक करते आदिवासी कुडमी समाज के सदस्य।
मनोहरपुर :सोमवार को आदिवासी कुड़मी समाज की बैठक  लक्ष्मीनारायण महतो की अध्यक्षता में  हुई। बैठक के बाद आदिवासी कुड़मी समाज की ओर से  प्रेस विज्ञप्ति जारी कर प्रेस को जानकारी दी गई की  कुरमी समाज के अध्यक्ष संकीर्तन महतो व प्रवक़्ता कालिदास महतो को समाज के विरुद्ध किये गए गतिविधि  को लेकर उन दोनो को समाज से बहिष्कृत किया गया है। उनका आदिवासी कुड़मी समाज से कोई ताल्लुक़ नहीं है।
विदित हो कि आदिवासी कुड़मी समाज और कुरमी समाज मनोहरपुर अपने अपने नीतिगत सिद्धांतो  को लेकर मतभेद खुलकर सामने आ गया है।जहाँ कुरमी समाज 27%प्रतिशत कुरमी व ओबीसी वर्ग को आरक्षण के पक्षधर है। वहीं आदिवासी कुड़मी समाज कुड़मियों को सरकार से अनुसूचित जनजाति सूची में शामिल करने की वकालत करती रही  है।
दोनो पक्षो के आपसी नीतिगत सिद्धांतो का  टकराव होता दिख रहाा है।  विगत  कुछ दिन कुरमी समाज के अध्यक्ष संकीर्तन महतो व प्रवक़्ता कालिदास महतो ने कुरमी समाज 27%प्रतिशत कुरमी व ओबीसी वर्ग को आरक्षण की मांग को लेकर मुख्यमंत्री व अन्य जनप्रतिधियों के  यहाँ पत्राचार किया था। जिससे लेकर  आदिवासी कुड़मी समाज व्दारा समाज के विरुद्ध गतिविधि मानते हुए इन दोनों को  समाज से बहिष्कृत करने का फ़रमान जारी किया गया था।
जबकि  कुरमी समाज के संकीर्तन महतो व कालिदास महतो ने भी कुरमी समाज मनोहरपुर की और से प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि  वे दोनो ना ही उनके संगठन के सदस्य है। और ना आदिवासी  कुड़मी समाज को उन्हें बहिष्कृत करने का अधिकार है।हम लोग संगठन के नीतिगत सिद्धांतो  के तहत कार्य कर रहे है। इससे लेकर  सोमवार को आदिवासी कुरमी समाज ने बैठकी कर  दोनों को समाज विरुद्ध किये गए गतिविधि को लेकर पुनः समाज से बहिष्कृत करने का फरमान सुनाया। बैठक में मुख्य रूप से कार्तिक चंद्र महतो,संतोष महतो,शशिभूषण महतो,मुरली महतो,क़दंबबिहारी महतो,अनादी महतो,राजेंद्र महतो समेत आदिवासी कुडमी समाज के सभी  सदस्य उपस्थित थे।

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