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लातेहार में पिछले 49 वर्षो से पेश हो रहा है समाजिक सौहार्द का अनुकरणीय मिशाल ।

*लातेहार में पिछले 49 वर्षो से पेश हो रहा है समाजिक सौहार्द का अनुकरणीय मिशाल* ।

दीपक मिश्रा की रिपोर्ट लातेहार

लातेहार: शहर के बीचों बीच में स्थित अंबा कोठी परिसर में पिछले 49 वर्षो से श्रीरामचरितमानस नवह्न परायाणपाठ का आयोजन किया जा रहा है। महायज्ञ परिसर के ठीक सामने महज 10फीट की दूरी पर है शहर का जामा मस्जिद पिछले 49वर्षो से हिंदू और मुस्लिम समुदाय के लोग आपसी भाईचारा एवं सांप्रदायिक सौहार्द का अनूठा मिसाल पेश किया कि है। शारदीय नवरात्र के मौके पर जब भी शुक्रवार के मौके पर नमाज अदा करने का समय होता है , महायज्ञ समिति के द्वारा लाउडस्पीकर की आवाज को धीमा कर दिया जाता है या बंद कर दिया जाता है। अक्सर देखा जाता है की मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में ही मस्जिद हुआ करता है पर लातेहार का जामा मस्जिद जिस स्थान पर है उसके आसपास एक भी मुस्लिम समुदाय के लोगों का भी एक घर नहीं है। इसके बावजूद प्रत्येक शुक्रवार को यहां काफी संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोग आते है और नमाज अदा करते हैं ईद के मौके पर भी महायज्ञ समिति के सदस्य मस्जिद के पास पहुंच कर मुस्लिम समुदाय के लोगों को ईद की मुबारकबाद देते है। महायज्ञ समिति के द्वारा हर सुविधाएं लोगों को प्रदान किया जाता है।अंबा कोठी में पिछले 49सालों में लगातार किसी विध्न बाधा के रामचरितमानस के पाठ का आयोजन होता रहा है।महायज्ञ समिति के अध्यक्ष प्रमोद प्रसाद सिंह ने बताया कि वर्ष 1973 में इस आयोजन में सात हजार रूपये खर्च आया था। आज कल मंहगाई बढ़ गई है अब तकरीबन आठ से दस लाख रूपये से अधिक खर्च हो जाता है।पाठ कर्ता एवं अन्य श्रद्धालुओं के लिए महायज्ञ समिति के द्वारा हर तरफ की सुविधाएं प्रदान की जाती है। पहले महज एक दर्जन महिला एवं पुरोहित इस पाठ में बैठते थे अब इस महायज्ञ में लगभग 351 पाठकर्ता महिला एवं कुंवारी कन्याएं परायण पाठ कर करती हैं। आयोजन पद्धति अब भी वही है जो शुरूआती दौर में थी, सुबह में पांच बजे सात बजे तक पूजा अर्चना , आठ बजे से दोपहर दो बजे तक ब्राह्मणों एवं महिला श्रद्धालुओं द्वारा श्रीरामचरितमानस का पाठ किया जाता है। संध्या में आरती होती है एवं रात्रि में विद्वानों का प्रवच एवं रामलीला का आयोजन होता है। पिछले दो साल से कोरोना महामारी के वजह से रात्रि में कोई भी कार्यक्रम आयोजित नहीं किया गया था शारदीय नवरात्रि के 10 दिनों तक चलने वाले इस आयोजन से पूरे शहर का वातावरण भक्तिमय हो जाता है। शहरवासियों का कहना हैं यदि यह‌आयोजन नहीं हो तो शहर में नवरात्र एवं दशहरा का आनन्द ही फीका पड़ जायेगा। चतरा के पूर्व सांसद इंदर सिंह नामधारी पिछले 15 वर्षो से इस महायज्ञ का उद्घाटन करते आ रहे हैं पुर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी एवं अर्जुन मुंडा भी कार्यक्रम में शिरकत कर चुके है। शहरवासियों तो इस आयोजन से रातभर वातावरण में रम ही जाते हैं , ग्रामीण इलाकों से भी लोग आयोजित होने वाले कार्यक्रम में हिस्सा लेते है। बच्चों और बुढ़े के चेहरों पर अलग तरह की भाव कार्यक्रम में शामिल के बाद देखा जा सकता है। पूरे लातेहार शहर वातावरण ही भक्तिमय हो जाता है शहर के हर कोने कोने में ध्वनि विस्तारक यंत्र के माध्यम से लोग कार्यक्रम में होने वाले पूजा पाठ एवं अन्य कार्यक्रमों का ध्यानपूर्वक अन्नुश्रवण करते है।

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