झारखंड सरकार जल सहिया का मानदेय दे नहीं तो होगा बड़ा आंदोलन. ऐतवरी महतो.
लातेहार संवाददाता राहुल पांडे की रिपोर्ट
झूठा वादा करके हेमंत सरकार सत्ता में आ गई. जल सहिया के साथ छलावा करना बंद करो .गायत्री देवी
लातेहार जिला का झारखंड राज्य जलसहिया कर्मचारी संघ का बैठक पांडेपुर पंचायत भवन में हुआ जिसकी अध्यक्षता जिला अध्यक्ष शीला देवी ने की मुख्य अतिथि के रूप में प्रदेश अध्यक्ष इतवारी महतो प्रदेश महामंत्री गायत्री देवी मुख्य रूप से उपस्थित थे
जिला बैठक में लातेहार जिले के विभिन्न प्रखंडों से लगभग 500 जलसहिया उपस्थित थे.
ज्ञायत हो कि जल सहिया का का बहाली गांव में स्वच्छता पर्यावरण की रक्षा के लिए किया गया है जल सहिया लगन मेहनत और परिश्रम से अपने-अपने क्षेत्रों में काम कर रहे हैं.महत्वपूर्ण काम करने के बावजूद भी जल सहिया को ₹1000 मानदेय की राशि दी जाती है प्रोत्साहन राशि ₹200 विभिन्न योजना के तहत दी जाती है.वह भी जलसहिया को नसीब नहीं हो रही है.प्रशासनिक लापरवाही के चलते समय से मानदेय नहीं मिल नही मिल रहा है.झारखंड के विभिन्न जिले क्षेत्रों में 22 महीना 27 महीना तक की मानदेय नहीं मिली है .
यही सब बातों को लेकर के 20 अप्रैल को मोराबादी मैदान से मुख्यमंत्री आवास पर एक विशाल रैली का आयोजन किया गया है.
प्रदेश अध्यक्ष एतवारी महामंत्री गायत्री देवी का कहना है कि झारखंड की हेमंत सरकार चुनाव में जल सहिया को दैनिक मजदूर के भाती मान दे देंगे और सारी सुविधा देंगे.यही बात को याद कराने के लिए जल सहिया रांची में उतरेगी सड़क पर.
जिलाध्यक्ष शीला देवी कहना है कि लातेहार जिले से 7:30 सौ जलसहिया है सभी के सभी 20 अप्रैल को रांची में जाएंगे .लातेहार जिला में जल जीवन मिशन सर्वे का काम हम लोग करते थे जो कि एनजीओ के दिए दे दिया गया है.बैठक में जाने के बाद यात्रा भत्ता और पोतसाहन राशि ₹200 नहीं दिया जाता है.
स्वच्छता के लिए ब्लीचिंग पाउडर भी 5 प्रतीशत जल सहीया को मात्र दिया जाता है.बाकी शेष को नहीं दिया जाता है .हम लोग को प्रतिवेदन देने के लिए भी फोटोकॉपी अपने ही पैसे से फोटो कॉपी करा कर के देना पड़ता है.इस प्रकार का अत्याचार स्थानीय प्रशासन के माध्यम से जलसहिया को किया जा रहा है.जो कि घनघोर लोकतांत्रिक भारत देश के लिए घनघोर अन्याय है. शौचालय के काम होने के बावजूद भी भुगतान नहीं किया जाता जल सहिया को बेवजह को विभाग प्रताड़ित करती रहती है
इस बैठक में अर्चना देवी कंचन देवी पूनम निरोगी प्रतिमा देवी कुंती देवी रेखा देवी चौधरी देवी तारा देवी जीवनी कुजूर मोरीग एक्का चिंता देवी कमला देवी मीना देवी सहित पांच सौ जलसहिया उपस्थित थे