महुआडांड़ प्रखंड के झारक्राफ्ट क्लस्टर में शनिवार को सातवाँ राष्ट्रीय हस्तकरघा दिवस मनाया गया।कार्यक्रम की शुरुवात मुख्य अतिथि जिप सदस्य मनिना कुजूर,झारक्राफ्ट क्लस्टर मैनेजर मोहम्मद सैफ एवं विसिष्ट अतिथि महिला स्वयं सहायता समूह बुनकर संघ अध्यक्ष सीमा कुजूर के द्वारा सँयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया गया।इस मौके पर क्लस्टर मैनेजर मोहम्मद सैफ ने ‘राष्ट्रीय हस्करघा दिवस’ पर विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि इस दिवस को मनाने का उद्देश्य हस्तकरघा उद्योग के महत्व एवं आमतौर पर देश के सामाजिक आर्थिक योगदान के बारे में जागरूकता फैलाना है,गौरतलब है कि 7 अगस्त, 1905 को कोलकाता के टाउनहाल में एक जनसभा में स्वदेशी आंदोलन की औपचारिक शुरुआत की गई थी।जिसकी वजह से भारत सरकार द्वारा 29 जुलाई, 2015 को इस आंदोलन की याद में प्रतिवर्ष 7 अगस्त को ‘राष्ट्रीय हस्तकरघा दिवस’ के रूप में मनाने की घोषणा की गई थी।प्रत्येक वर्ष राष्ट्रीय हस्तकरघा दिवस पर बुनकरों को काम के विकल्प के बारे में जानकारी देने के लिए सरकार द्वारा कार्यशालाएं आयोजित की जाती रही हैं।वही इस मौके पर मुख्य अतिथि मनिना कुजूर ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि भारत में हस्करघा क्षेत्र समय के साथ सबसे महत्वपूर्ण कुटीर व्यापार के रूप में उभरा है।हस्तकरघा बुनकर कपास, रेशम और ऊन के समान शुद्ध रेशों का उपयोग कर माल तैयार करते रहे हैं।राष्ट्रीय हस्तकरघा दिवस आयोजित करने का प्राथमिक लक्ष्य भारत के सामाजिक आर्थिक सुधार में हस्तकरघा के योगदान को स्पष्ट करना है।वही इस मौके पर मुख्य अतिथि एवं विशिष्ट अतिथि द्वारा प्रखंड क्षेत्र के बुनकर मनीर अंसारी,सगीर अंसारी,छोटू रजा समेत कुल आठ बुनकरों को माल्यार्पण कर एवं शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया।कार्यक्रम में उपरोक्त लोगो के अलावा जे एम एम के प्रखंड युवा सचिव नेशाद अहमद,झारक्राफ्ट कर्मचारी समेत बड़ी संख्या में बुनकर मौजूद थे।

