भ्रष्टाचार: परिवहन विभाग में भ्रष्टाचार का बड़ा खेल उजागर,पटना के तत्कालीन DTO-क्लर्क की मिलीभगत से ‘सुशासन’ को किया गया तार-तार

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बिहार : पटना

PATNA: पटना के DTO ऑफिस में बड़े स्तर पर गड़बड़ी का खुलासा हुआ है। पटना के तत्कालीन डीटीओ और एक क्लर्क की मिलीभगत से बड़े स्तर पर गड़बड़झाला किया जा रहा था। साहब और बाबू मिलकर नियमों को ताक पर खुलेआम नियमों की धज्जी उड़ा रहे थे। हालात यह था कि वाहन BS-4 वाहन का बिना सरकारी राजस्व के ही निबंधन किया गया था।इतना ही नहीं चोरी की गाड़ी का भी निलबंधन किया गया था। पूरे मामले में तत्कालीन डीटीओ अजय कुमार ठाकुर और लिपिक अमित कुमार गौतम की मिलीभगत का खुलासा हुआ है।

पटना डीटीओ ने उठा दिया पर्दा

पटना परिवहन कार्यालय द्वारा सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन कर दो गाड़ियों का निबंधन किया गया। मामले के खुलासे के बाद वर्तमान डीटीओ ने दोषी सरकारी अधिकारी और कर्मी पर कार्रवाई के लिए राज्य परिवहन आयुक्त को रिपोर्ट किया है। पत्र में कहा गया है कि BR01PG-7145 और BR01CU-5137 नबंर की गाड़ी का बिना सरकारी राजस्व के निबंधन किया गया। मामले की जानकारी के बाद 29 अगस्त को दो डाटा एंट्री ऑपरेटरों से स्पष्टीकरण पूछा गया। स्पष्टीकरण में दोनों डाटा ऑपरेटर ने पूरे गड़बड़झाला की पोल खोल दी।

लिपिक अमित कुमार गौतम का बड़ा खेल

डाटा एंट्री ऑपरेटरों ने बताया कि 6 जुलाई 2020 को डीटीओ हेड के लॉगिन-पासवर्ड का कार्य करने के लिए दिया गया था। इसके पहले इन दोनों डाटा एंट्री आपरेटरों के पास डीटीओ हेड का लॉगिन पासवर्ड नहीं था। उक्त दोनों वाहन का बैकलॉग एंट्री का कार्य डीटीओ ऑफिस के लिपिक अमित कुमार गौतम के बैकलॉग लॉगिन-पासवर्ड से किया गया था। इस खुलासे के बाद डीटीओ ने आरोपी क्लर्क अमित कुमार गौतम से स्पष्टीकरण मांगा, लेकिन उसने स्पष्टीकरण का जवाब नहीं दिया। स्पष्टीकरण का जवाब नहीं देने से आशंका और गहरा गई कि, यह कृत्य लिपिक गौतम के द्वारा किया गया है। साथ ही तत्कालीन जिला परिवहन पदाधिकारी अजय कुमार ठाकुर के लॉगिन पासवर्ड से यह कृत्य किया गया है। यह काम न केवल सर्वोच्च न्यायालय के आदेश की अवहेलना है बल्कि इस सरकारी राजस्व की क्षति हुई है।

तत्कालीन DTO की भी मिलीभगत

डीटीओ ने अपने पत्र में लिखा है कि इसी बीच 3 सितंबर 2020 को आरोपी क्लर्क अमित कुमार गौतम को जिला परिवहन कार्यालय भोजपुर स्थानांतरित किया गया। जिला परिवहन पदाधिकारी ने एक और कांड़ का उल्लेख किया है, जिसमें BR01PG-9986 नंबर की गाड़ी जो झारखंड के पेटरवार थाने में जप्त है इसका भी निबंधन किया गया। पत्र में कहा गया कि जांच के बाद यह पता चला कि लिपिक अमित कुमार गौतम के द्वारा ही चोरी के वाहन का बिना सरकारी राजस्व प्राप्त किए निबंधन किया गया। चोरी के वाहन का निबंधन भी लिपिक अमित कुमार गौतम के आईडी एवं तत्कालीन जिला परिवहन पदाधिकारी के आईडी से किया गया। डीटीओ ने अपने पत्र में कहा है कि इसके साथ कई अन्य ऐसे मामले होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। डीटीओ ने आगे कहा है कि अमित कुमार गौतम एकमात्र ऐसे लिपिक थे जिनके द्वारा यूजर एवं पासवर्ड का प्रयोग किया जाता था। डीटीओ ने कार्रवाई को लेकर राज्य परिवहन आयुक्त को सिफारिश कर दी है।बताया जाता है कि, पटना परिवहन कार्यालय का एक और डाटा इंट्री ऑपरेटर है जो इस तरह के कृत्य में लगा है।