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कोरोना की मार:-6 माह से नहीं चली बसें, सड़क पर बस को लाने में कम से कम 50 हजार रुपए होंगे खर्च

घाटशिला-कमलेश सिंह

कोविड नियमों के पालन करने एवं सवारी नहीं मिलने की आशंका से बस चलाने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं मालिक

कोरोना महामारी के बीच बस संचालक के लिए सरकार की ओर से छूट के ऐलान के बाद गाड़ी मालिक बस चलाने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं। बस को सड़क पर लाने के लिए कम से कम 50 हजार रुपए खर्च करने पड़ेंगे। यही नहीं यात्री नहीं मिलने की आशंका तथा को भी के नियमों के पालन करने में बस मालिकों के पसीने छूट रहे हैं। वही 6 माह से अधिक समय से बस नहीं चलने के कारण अधिकांश बस मालिक कर्जदार हो गए हैं। कुछ बस संचालकों का कहना है कि ऐसे में आने वाली परिस्थितियों को देखकर वाहन को बेचने का मन बना लिया है। इसके लिए ग्राहक तलाश रहे हैं। बसों की कीमत जमा करने पर अगस्त तक रोक थी। सितंबर से फिर किस देनी पड़ेगी। बस मालिक चिंतित हैं कि वह सितंबर से किस्त के रुपए कहां से लाएंगे। बस मालिकों का कहना है कि बसों को चलाने की कोशिश भी करेंगे तो एक बस को रोड पर चलाने के लिए पहले 50 हजार रुपए तक खर्च करने पड़ेंगे। उन्होंने बताया कि आमतौर पर बसों का बीमा मार्च से अप्रैल के बीच में कराते हैं। इस कारण बसों को चलाने के लिए सबसे पहले बीमा कराना होगा।

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