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गिरिडीह के घूसखोर एसई की संपत्ति की जांच शुरू, घर में जब हुई छापेमारी तो मिले इतने रुपये

धनबाद-घूसखोरी केेआरोप में पकड़े गए गिरिडीह विद्युत विभाग के पूर्व सुपरिटेंडेंट इंजीनियर बिभाषचंद्र पाल की संपत्ति की जांच एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने शुरू कर दी है। दो दिन पहले बिभाष को एक संवेदक से रिश्वत लेने के मामले में एसीबी की टीम ने गिरिडीह से पकड़ा था। उनके घर पर हुई छापेमारी में एसीबी को 16 लाख 15 हजार 700 रुपए नगद मिले थे। बिभाष की गिरफ्तारी के बाद एसीबी के एसपी कुमार रविशंकर रांची से धनबाद एसीबी ऑफिस पहुंचे और आरोपी बिभाषचंद्र से पूछताछ की। बिभाष से बरामद नकद के संबंध में एसपी ने लंबी पूछताछ की। वह घर पर मिले रुपयों के संबंध में सटीक जानकारी नहीं दे सके। बिभाष की अभी विभाग में करीब 11 साल नौकरी बची है। पूछताछ में एसीबी को जानकारी मिली कि उनका मुंगेर में पैतृक घर है। इसके अलावा उन्होंने रांची में जमीन व अन्य संपत्ति का खुलासा किया है। एसीबी सुपरिटेंडेंट इंजीनियर की संपत्ति का ब्योरा जुटाने में जुट गई है। उनके साथ-साथ उनकी पत्नी और बच्चों व परिवार के अन्य सदस्यों की संपत्ति भी खंगाली जाएगी। विद्युत विभाग से उनकी आय का हिसाब भी शीघ्र मांगा जाएगा। जांच के बाद यदि गड़बड़ी मिली तो एसीबी उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति (डीए केस) का भी मामला दर्ज करेगी।

चार दिन में चार को दबोचा, एसपी ने थपथपाई पीठ

धनबाद एसीबी की टीम ने पिछले चार दिनों में घूसखोरी के चार आरोपियों को गिरफ्तार किया। धनबाद पहुंचे एसीबी एसपी ने पूरी टीम की पीठ थपथपाई। ब्यूरो की टीम ने 25 अगस्त को गिरिडीह जमुआ धोथे पंचायत के मुखिया सलीम अंसारी को 10 हजार रुपए लेते दबोचा, एक दिन बाद 27 अगस्त को गिरिडीह विद्युत विभाग के सुपरिटेंडेंट इंजीनियर बिभाषचंद्र पाल और उनके कंप्यूटर ऑपरेटर विक्रम कुमार को 14 हजार रुपए रिश्वत के साथ पकड़ा। ठीक अगले दिन बोकारो के चास थाना के एएसआई जयप्रकाश को तीन हजार रुपए घूस लेते पकड़ लिया। इस प्रदर्शन पर एसपी ने संतुष्टि जताई।

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