सिंहभूम चैम्बर द्वारा जिएसटी में हुए परिवर्तन एवं संवदेकों द्वारा किये गये कार्यों पर अतिरिक्त कर जीएसटी के भुगतान से होने वाली परेशानियों पर मुख्यमंत्री का किया ध्यानाकृष्ट।

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    वैट से जीएसटी में दिनांक 01.07.2017 में हुये परिवर्तन एवं 18.07.2022 से 12 प्रतिशत से 18 प्रतिशत की बढ़ी दर के कारण झारखण्ड सरकार के संवदेकों द्वारा किये गये कार्यों पर अतिरिक्त कर जीएसटी के भुगतान से होने वाली परेशानियों पर मुख्यमंत्री का निम्नांकित बिदुओं पर ध्यानाकृष्ट कराया है। यह जानकारी मानद महासचिव मानव केडिया ने दी।

    उन्होंने जानकारी दी कि दिनांक 01.07.2017 से जीएसटी लागू होने के कारण संवेदकों पर अतिरिक्त जीएसटी की देयता बन गई थी। और दिनांक 18.07.2022 के प्रभाव से संवेदकों द्वारा किये जा रहे कार्यों पर जीएसटी की दर को 12 प्रतिशत से बढ़ाकर 18 प्रतिशत कर दिया गया था। कई राज्यों द्वारा तुरंत इस पर विचार कर उचित निर्णय लिया एवं अधिसूचना जारी कर अतिरिक्त जीएसटी का भुगतान किया गया। केन्द्र सरकार के सभी विभागों द्वारा संवेदकों को अतिरिक्त जीएसटी का भुगतान भी किया जा चुका है। जबकि झारखण्ड सरकार ने इसपर चुप्पी साध रखी है।

    संवेदकों को जीएसटी का भुगतान झारखण्ड सरकार को जीएसटी रिटर्न के माध्यम से जीएसटी का भुगतान कर पायेंगे। देरी से जीएसटी पेमेन्ट करने पर जीएसटी कानून के अंतर्गत 18 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से ब्याज का प्रावधान है जो झारखण्ड सरकार पर अतिरिक्त देयता बन सकती है। जो कुछ वर्षों के बाद झारखण्ड सरकार के लिये बोझ बन जायेगा क्योंकि यह राशि प्रतिवर्ष की दर से बहुत अधिक हो जायेगा।

    मानद महासचिव ने बताया कि समय-समय पर माननीय वित्त मंत्री, मुख्य सचिव, सचिव राज्य कर विभाग तथा झारखण्ड सरकार के विभिन्न विभागों के सचिवों का वैट से जीएसटी में दिनांक 01.07.2017 में हुये परिवर्तन एवं 18.07.2022 से 12 प्रतिशत से 18 प्रतिशत की बढ़ी दर के कारण संवदेकों द्वारा किये गये कार्यों पर अतिरिक्त कर जीएसटी के भुगतान से होने वाली परेशानियों को लेकर ध्यानाकृष्ट कराया गया एवं उपरोक्त विषय पर ध्यान देने एवं उचित दिशा निर्देश देने का भी अनुरोध किया गया था। लेकिन सरकारी विभागों के द्वारा अभी तक इन मुद्दों के हल करने से संबंधित कोई भी जानकारी चैम्बर को उपलब्ध नहीं कराई गई। इस विषय पर विभिन्न राज्यों के न्यायालयों तथा झारखण्ड राज्य के उच्च न्यायालय में दाखिल वाद के उपरांत दिये गये आदेशों से भी झारखण्ड सरकार तथा विभिन्न विभागों को अवगत कराया गया है।

    महासचिव ने कहा के झारखण्ड राज्य के कई संवेदकों का करोड़ों रूपया सरकार द्वारा जीएसटी के अंतर्गत निर्णय नहीं लेने के कारण रूका पड़ा है। स्थिति ऐसी होती जा रही है कि पुराने कार्यों को करने में संवेदक अपने आप को सहज महसूस नहीं कर पा रहे हैं।

    इसलिये सिंहभूम चैम्बर ने राज्य के माननीय मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन का ध्यानाकृष्ट कराते हुये उन्हें इस मुद्दे का निपटारा करते हुये अपने स्तर से आदेष निर्गत करने का आग्रह किया है जिससे राज्य के सभी विभागों पर समान रूप से कर पद्धति के नियम लागू हो सकें और संवेदकों के साथ विभाग को भुगतान करने में किसी प्रकार की कठिनाईयों का सामना नहीं करना पड़े।