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बाल श्रम समाज के लिए कोढ है -दहेज मुक्त संस्था झारखंड

*बाल श्रम समाज के लिए कोढ है -दहेज मुक्त झारखंड संस्था*

हज़ारीबाग़ : -आज पुरे विश्व मे बड़े पैमाने पर बाल श्रम कराया जा रहा है चाहे होटल हो, चाहे घर हो, चाहे गैरेज हो, चाहे दुकान, कारखाने, फैक्ट्री हो,हर जगह बाल श्रमिक पाए जाते है, यह दुर्भाग्य है और समाज के लिए खतरा है कोढ की तरह फ़ैला है,उक्त बाते आज़ विश्व बाल श्रम दिवस के अवसर पर तमाम माता पिता और अभिभावक गण से अपील करते हुए दहेज मुक्त झारखंड संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ आनन्द कुमार शाही ने बयान जारी कर कहा कि अब भी आप जागे और बच्चों पर रहम करे, बच्चों को मजदूरी करने न भेजे,उन्होंने यह भी कहा की 1986मे बाल मजदूरी प्रतिबन्ध विनियमन अधिनियम अस्तित्व मे आया,जिससे विशेष खतरनाक व्यवसाय व प्रक्रिया के बच्चों के रोजगार एवम अन्य वर्ग के लिए कार्य की शर्तो का निर्धारण किया गया, इसके बाद 1987मे बाल मजदूरी के लिए विशेष नीति बनाई गई, जिसमे जोखिम भरे व्यवसाय एवम प्रक्रियाओ मे लिप्त बच्चों के पुर्नवास पर ध्यान देने की बात कही गई है,बाल मजदूरी करने वाले बच्चों की समस्याओ के निराकरण के लिए बहुआयामी नीति की जरुरत पर भी बल दिया गया,वही दहेज मुक्त झारखंड के राष्ट्रीय महिला अध्यक्ष सिन्धु मिश्रा ने कहा की बच्चों से ढाबो, घरों होटलों मे बाल श्रम करवाने को दंड नीय अपराध की श्रेणी मे रखा गया,फिर भी लोग बाल श्रम करवा रहे है और विश्व श्रम संगठन के अनुमानित आंकड़े के अनुसार पुरे विश्व मे 21करोड़ 80लाख बाल श्रमिक है,जबकि भारत मे लगभग एक करोड़ सताइस लाख बाल श्रमिक कार्य कर रहे है, यह दुर्भाग्यपूर्ण है, सरकार कागज पर नीति निर्धारण अवश्य करती है परन्तु उसे जमीन पर उतारने मे सरकार विफल हो जाती है जिससे समस्याओ का अम्बार लगता जा रहा है, बाल मजदूरी के प्रति विरोध एवम जागरूकता फैलाने के मकसद से प्रति वर्ष 12जून को पुरे विश्व मे बाल श्रम निषेध दिवस मनाया जाता है, अब भी हम अभिभावक गण को बाल श्रम से परहेज करना चाहिए ताकि वह बालक पढ़े लिखें और देश दुनिया का नाम रौशन करें,तथा बाल श्रम जैसे कोढ से देश को बचाया जा सके ।

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