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रजिस्ट्री कार्यालय का मामला:- अवैध राशि वसूलने के मामले में मुंशी व रजिस्टार के निजी चालक को जेल चतरा

*रजिस्ट्री कार्यालय का मामला:- अवैध राशि वसूलने के मामले में मुंशी व रजिस्टार के निजी चालक को जेल*

चतरा. कार्यपालक दंडाधिकारी रामनारायण खलको ने जमीन का केवाला के नाम पर अवैध राशि वसूलने के आरोप में रजिस्ट्री कार्यालय के मुंशी (डीड राइटर) अजित कुमार, जिला निबंधन पदाधिकारी के निजी वाहन चालक विजय कुमार महतो एवं अन्य अज्ञात के विरुद्ध सदर थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी हैं. उन्होंने यह प्राथमिकता उपायुक्त अंजली यादव के निर्देश पर दर्ज करायी है. सदर थाना में मामला दर्ज कर पुलिस ने दोनों नामजद अभियुक्तों को जेल भेज दिया. उपायुक्त अंजली यादव को अवर रजिस्ट्री कार्यालय में अवैध राशि वसूलने की शिकायत मिली थी. डीसी ने बुधवार को अवर निबंधन कार्यालय सहित डीटीओ कार्यालय व डीआरडीए कार्यालय का औचक निरीक्षण किया था. डीसी ने उक्त तीनों कार्यालय से कंप्यूटर आपरेटर, डीड राइटर व अन्य का मोबाइल सीज कर सभी को अपने साथ समाहरणालय ले आए थे. इसके बाद डीसी ने उच्च स्तरीय जांच दल का गठन कर शिकायत की जांच करायी थी. जांच दल में अपर समाहर्ता अरुण कुमार एक्का, जिला भू-अर्जन पदाधिकारी गौरांग महतो, अनुमंडल पदाधिकारी चतरा मो. मुमताज अंसारी व अन्य पदाधिकारी शामिल थे.

जांच में डीआरडीए व डीटीओ कार्यालय के कंप्यूटर आपरेटर को छोड़ दिया गया था. लेकिन मुंशी और चालक के सदर थाना पुलिस के हवाले कर दिया. पुलिस ने दोनों को जेल भेज दिया. इससे पहले जांच दल ने पाया कि अजीत कुमार फोन-पे नंबर 9905760772 से पिछले दो अगस्त से लेकर 12 नवंबर तक एक लाख 93 हजार 499 रुपए का ट्रांसफर किया गया. जबकि वाहन चालक विजय कुमार महतो के खाते से 22,999 रुपए ट्रांसफर पाया गया. यह राशि 21 सितंबर से 15 नवंबर के बीच की है. मुंशी अजीत कुमार ने जांच दल को बताया है कि केवाला लिखे जाने के लिए रवि कुमार राणा, द्वारिका कुमार, रामाशंकर पंडित, विनोद इत्यादि ने फोन-पे के माध्यम से राशि ट्रांसफर किया है. जबकि वाहन चालक विजय कुमार महतो ने बताया कि राशि का लेन देन उनके रिश्तेदार द्वारिका कुमार महतो द्वारा किया जाता है. इनके द्वारा मात्र राशि प्राप्ति आदि का मैसेज रजिस्ट्रार को दिया जाता है. इस तरह मुंशी व चालक से राशि की वसूली कराकर जिला निबंधन पदाधिकारी बालेश्वर पटेल के खाते में डालते थे.

*हमेशा चर्चा में रहते हैं निबंधन कार्यालय*

जिला निबंधन पदाधिकारी हमेशा किसी न किसी मामले में चर्चा में रहते हैं. कभी फर्जी दस्तावेज पर दूसरे को मालिकाना हक देना, रात में विवादित जमीन का रजिस्ट्री करना, बिना एलपीसी के जमीन रजिस्ट्री या पैसा नहीं देने पर रजिस्ट्री नहीं होना समेत अन्य मामलों में सुर्खियों में रहा हैं. मालूम हो कि जिले के कार्यालयों में दलाल व बिचौलिया हावी है. किसी भी तरह की काम कराने के लिए पैसा देना पड़ता हैं. थाना हो या प्रखंड कार्यालय, जिला आपूर्ति कार्यालय, जिला परिवहन कार्यालय समेत अन्य कार्यालयों का यही हाल हैं, बिना चढ़ावा दिए कोई काम नहीं होता है. पैसा नहीं देने पर परेशान किया जाता है.

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