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जिले के गारू प्रखंड अंतर्गत धांगरटोला पंचायत के सुरकुमी गांव निवासी डोभा योजना संख्या 7080 901405117 के लाभुक नरेश सिंह ने डोभा निर्माण कार्य मे लगे मजदूरों के लगभग 85000 हजार रुपये मजदूरी राशि गबन करने का आरोप लगाया है.

लातेहार : रघुवर दास ने मनरेगा योजना के तहत डोभा निर्माण को अपने कार्यकाल में प्रमुख प्राथमिकता दी थी. उस दौरान भी योजना घोटालों का केंद्र बना हुआ था और आज भी हालिया स्थिति ज्यों का त्यों है.

मजदूरी की राशि गबन करने का आरोप

जिले के गारू प्रखंड अंतर्गत धांगरटोला पंचायत के सुरकुमी गांव निवासी डोभा योजना संख्या 7080 901405117 के लाभुक नरेश सिंह ने डोभा निर्माण कार्य मे लगे मजदूरों के लगभग 85000 हजार रुपये मजदूरी राशि गबन करने का आरोप लगाया है.

मजदूरों की मजदूरी का नहीं हुआ भुगतान

इस संबंध में लाभुक नरेश सिंह ने बताया कि वर्ष 2020-21 में मेरे नाम से मनरेगा के तहत एक डोभा निर्माण की स्वीकृति मिली थी. जिसका निर्माण कार्य पूर्ण किये हुए डेढ़ साल से अधिक समय हो गया है. लेकिन डोभा के निर्माण कार्य मे लगे मजदूरों की मजदूरी का भुगतान नही हुआ है. जबकि उक्त राशि की फर्जी निकासी बिचौलियों के द्वारा रोजगार सेवक एवं मनरेगा के अन्य प्रखंडकर्मियों की मिलीभगत से कर ली गयी है.

रोजगार सेवक समेत मनरेगा के कई अन्य कर्मियों की भूमिका संदिग्ध

लाभुक ने बताया कि डोभा निर्माण कार्य में लगे मजदूर हमसे मजदूरी देने की मांग कर रहे है. जबकि लाभुक को मजदूरों की राशि फर्जी तरीके से निकासी करने की ख़बर भी बहुत बाद में हुई थी. लाभुक ने इस पूरे मामले पर चौका देने वाला खुलासा किया है. इस खुलासे के बाद पंचायत के रोजगार सेवक समेत मनरेगा के कई अन्य कर्मियों की इस घोटाले में भूमिका संदिग्ध लग रही है.

सुरेंद्र सिंह,

बाजार के लोगों के मनरेगा आईडी में भेजे गये पैसे

दरअसल लाभुक ने बताया कि जिन मजदूरों ने उक्त डोभा निर्माण के कार्य मे मजदूरी का काम किया था. ऐसे मजदूरों को राशि भुगतान न करके गारू बाजार के कुछ लोगों के मनरेगा आईडी में पैसे भेजे गये है.

लाभुक नरेश सिंह ने बताया कि गारू के मनोज प्रसाद, सलाउद्दीन खलीफा, गौतम कुमार, कृष्णा कुमार, सूरज प्रसाद समेत ऐसे 20 लोगों के मनरेगा आईडी में फर्जी भुगतान किया गया है.

मजदूरों को काम देने का दावा खोखला

ख़ैर, जिस तरह से गारू प्रखंड में लगातार मनरेगा घोटाले के मामले प्रकाश में आ रहा है उससे ये तो साफ़ है कि मनरेगा के तहत मजदूरों को काम देने का दावा पूरी तरह खोखला है. चुकी सूखी सम्पन्न लोग गांव के भोले-भाले ग्रामीणों के हक़ पर सेंधमारी कर अपनी तिजोरी भर रहे है. इस बात का उदाहरण 17/4/2021 की तारीख है.

मनरेगा योजना लूट का केन्द्र

दरअसल इस तारीख़ को देश के जाने माने अर्थशास्त्री ज्यां द्रेज और उनकी टीम ने लातेहार जिला के मनिका प्रखंड में कई योजनाओं का जायजा लिया था. उस जायजा में कई चौकाने वाले तथ्य सामने आये थे. जहां मजदूरों को काम देने का दावा खोखला नज़र आया था. टीम का मानना था कि राज्य में मनरेगा योजना लूट का केन्द्र बन गया है.

कार्रवाई की मांग

बहरहाल, लाभुक नरेश सिंह ने लातेहार डीसी अबू इमरान से इस पूरे मामले की जांच करवाते हुए दोषियों पर कारवाई करने की मांग की है।

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